कश्मीर-देश की चाह,मोदी ने बनायी नयी राह !!

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कहते हैं, जहाँ चाह वहां राह होती हैं.प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने उस कहावत को चरितार्थ किया और महिमा मंडित भी.जो पिछले 66 वर्षों में नहीं हो सका वो महज़ 66 घंटों में हो गया.देश का अभिशाप धारा 370 और उपधारा 35A अब हमारे नहीं रहे.दिवंगत हो गए.इससे देश में एक अजीबोगरीब ख़ुशी,ताजगी और उत्साह का माहौल है.

देश का सरताज जम्मू-कश्मीर 5 अगस्त 2019 को वास्तव में आज़ाद हो गया.उन दरिंदों के चंगुल से.उन स्वार्थी भेड़ियों और भेदियों के चंगुल से.उन परिवारवाद के पोषक ठेकेदारों से.हर वक़्त दोस्ती की बातें कर नए नए दुश्मनी के दाँव खेलने वाला पाकिस्तान के शुभचिंतकों से.जी हाँ,हमारा जम्मू-कश्मीर आज़ाद हो गया.करीब 70 सालों की तथाकथित-जबरदस्ती थोपी गयी गुलामी से.

5 अगस्त 2019 का दिन जम्मू-कश्मीर के लिए पुनःस्थापना विजय दिवस के तौर पर मनाया जाना चाहिए.उस दिन वास्तव में जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया.हमारा कश्मीर तन-मन और धन से भारत का,भारत के लिए हो गया.

इस ऐतिहासिक अनुपम कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित भाई शाह के साथ भाजपा सरकार,संगठन और सरकार के सभी समर्थक राजनीतिक दल भी बधाई और साधुवाद के पात्र है.उन सबों के राष्ट्रीयता के जज्बे,हिम्मत को तिरंगा सलाम.भाजपा का 66 सालों का संघर्ष समाप्त हुआ.सरदार पटेल,बाबा अंबेडकर,डॉ मुकर्जी,अटल बिहारी बाजपेयी का सपना पूरा हुआ.जम्मू-कश्मीर हमारा हुआ.हम उनके हुए.हम दोनों के हो गए.अब देश में सिर्फ एक निशान,एक विधान ही होगा.अब तो न तो विघ्न होगा और न ही विध्नकर्ता होगें,क्योकि विध्नहर्ता ने अपने जम्मू-कश्मीर के सारे कष्ट हरने की कोशिश की हैं..वो भी बड़ी सूझ-बूझ व गहरी समझदारी के साथ.

देश के इतिहास ने 5 अगस्त को एक गौरवशाली दिवस तो माना ही जायेगा.जम्मू-कश्मीर को लेकर अब सीधी बात होगी.सिर्फ नव निर्माण की बात.एक नए इतिहास को फिर से गढने की बात.जिसकी चर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने 8 अगस्त को रात 8 बजे राष्ट्र के नाम सम्बोधन में की.उनकी 39 मिनट की चर्चा में कश्मीर,जम्मू और लद्दाख के विकास की बातें की गयी.कोई किसी की बुराईयों की कोई चर्चा नहीं.न ही किसी अलगाववादी.आतंकवादी,देश द्रोहियों तत्वों का जिक्र किया गया.सिर्फ विकास,विकास और समग्र विकास की चर्चा कर सभी कश्मीर-लद्दाख और जम्मू के निवासियीं को राष्ट्र के मुख्य धारा से सक्रिय तौर पर जुड़ने और सबको जोड़ने की अपील की गयी.गज़ब का भाषण था प्रधानमंत्री का.जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासियों को अबतक केंद्र की कई महत्वाकांक्षी योजनाओ का सीधा लाभ नहीं मिलता था.अब मिलेगा.हर हाथ को काम मिलेगा.प्रधानमंत्री ने कहा कि धारा 370 और अनुच्छेद 35A अब इतिहास की बातें हो गयी है.कश्मीर में सब कुछ होगा.पर उनकी बातों से ये स्पष्ट था कि धर्म और जाति के नाम पर बरगलाने वाले न तो नेता होगे न ही वे तथाकथित ठेकेदार.अब फिर से कश्मीर की खूबसूरत वादियीं में फिल्मों की शूटिंग होगी.फिल्मकारों को स्विट्ज़रलैंड नहीं जाना पड़ेगा.धार्मिक,शिक्षा और पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा.प्रधानमंत्री का कहना था अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मुट्ठी भर लोगों का राज़ नहीं होगा,बल्कि आम जनता का,हर नौजवानों का और हर स्थानीय वासियों का राज होगा.केंद्र सरकार हर विकास के कार्यों में आम जन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी.समय आ गया है कि देश का मुकुट जम्मू-कश्मीर नए भारत का हिस्सा बनकर विकास के नया कीर्तिमान स्थापित करेगा.

ये एक अजब संयोग है या दैवीय कृपा –भाजपा नेता नरेन्द्र भाई मोदी का 26 जनवरी 1992 का राजनीतिक संकल्प 5 अगस्त 2019 को पूरी तरह सिद्ध हुआ.शायद इसे ही कहते हैं संकल्प से सिध्ही.कश्मीर के लाल चौक पर भाजपा नेता नरेन्द्र भाई मोदी अपने अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी के साथ तिरंगा फहराया था.भारी विरोध,जान लेवा हमलों के बावजूद कश्मीर में तिरंगा फहराया और लहराया भी गया था.पूरे देश में एक अजीब सा माहौल था.जरा सोचिये,उस वक़्त के माहौल और आज की स्थिति में फर्क.

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